48 Laws of Power | सत्ता के 48 कानून | शक्ति के 48 नियम

 48 LAW OF POWER | सत्ता के 48 कानून

SHAKTI KE 48 NIYAM

48 LAWS OF POWER

परिचय ( Introduction ) :-

शक्ति के 48 नियम ( 48 laws of power ) किताब के लेखक रॉबर्ट ग्रीन हैं। रॉबर्ट ग्रीन एक अमेरिकन लेखक हैं , ये पुस्तक उन्होंने उन महान लोगो के अनुभव से सीखकर लिखी है, जिन्होंने उनके जीवन में ये 48 नियम को अपनाया शक्तिशाली बने और सत्ता हासिल की। 
या फिर यूँ कहें की उन कारणों के ऊपर लिखी है जो जीवन में हमें आगे नहीं बढ़ने देते। 

सत्ता के 48 नियम ( 48 laws of power )

तो अब हम जानेंगे हैं की क्या हैं वो शक्ति के 48 नियम ( 48 laws of power ) जिन्हे हम अपने जीवन में अपनाकर शक्तिशाली बन सकते हैं और सत्ता हासिल कर सकते हैं। 

    नियम 1:- अपने से ऊपर वालों के सामने समझदार न बने | Never Outshine The Masters

    पहला नियम हमें यह सिखाता है की , हमें कभी भी अपने से ऊपर वालों के जैसे बॉस और सीनियर के सामने, हमें कभी समझदार या होशियार नहीं बनना चाहिए , उन्हें कभी ये नहीं दिखाना चाहिए की हम उनसे ज्यादा जानते है।  क्योकि  ऐसा करने पर उनके मन में आपके प्रति डर की भावना आ जाएगी।  और वे आपका नुक्सान करा सकते हैं। और आपके करियर को भी नुक्सान पंहुचा सकते हैं। 

    उनको हमेशा यही लगना चाहिए की वो आपसे ज्यादा समझदार और आपसे बेहतर हैं। ऐसा करके आप लगातार आगे बढ़ते रहेंगे। 

    नियम 2:- दोस्तों पर बहुत ज्यादा भरोसा न करें, दुश्मनों का इस्तेमाल करना सीखें  | Never Put Too Much Trust In Friends, Learn How To Use Enemies

    दूसरा नियम ये सिखाता है की, हमें कभी अपने दोस्तों पर हद से ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए।  उन्हें अपनी हर बात नहीं बताना चाहिए , क्योकि दोस्तों में जल्दी ही जलन की भावना उत्पन्न हो जाती है और फिर हो सकता है की हमारा दोस्त हमें धोखा दे दे। हमारे दुश्मनो से ज्यादा हमें दोस्तों से अधिक सतर्क रहने की जरुरत होती है क्योंकि दोस्त को हमारी हर ताकत और कमजोरी का पता होता है। 

    इसलिए हमें सही दोस्त चुनना और हमारे दुश्मन का उपयोग करना जरूर सीखना चाहिए।

    नियम 3:- अपने इरादे छुपाइए | Conceal Your Intentions

    नियम 3 हमें ये सिखाता है की हम आगे क्या करने वाले है और हमारी आगे की रणनीति क्या है , ये किसी को नहीं बताना चाहिए। ऐसा करने पर लोग आपके खिलाफ साजिश कर सकते हैं और आपके काम को बिगाड़ सकते हैं। 
    इसलिए हमें बहुत सोच-समझ कर बोलना चाहिए , हम सिर्फ लोगो को वही बातएं जो वे सुन्ना चाहते हैं वो नहीं जो हम उन्हें बताने चाहते हैं। 
     
    ऐसा करने पर लोग हमारे खिआफ़ कोई साजिश नहीं कर पाएंगे और हम अपना काम आसानी से पूरा कर सकेंगे।

    नियम 4:- हमेशा जरूरत से कम बोलें | Always Say Less Than Necessary

    नियम 4 हमें सीखता है की , हमें हमेशा कम से कम बोलना चाहिए, ताकि लोग हमारी बात अच्छे से सुने।  क्योकि ज्यादा बोलने वाले लोगो को, लोग ज्यादा ध्यान से नहीं सुनते। हमें अपनी बात को रहस्समय तरीके से बताना चाहिए, ताकि लोग उसे जानने में दिलचस्प रहे। अगर हम कम बोलेंगे तो लोग अपने बारे में भी बताएँगे, जो की आगे जाकर हमारे काम आ सकता है। 

    आप जितना ज्यादा बोलते हैं उतने ही साधारण बनते जाते हैं , इसलिए हमें कम से कम बोलना चाहिए। 

    नियम 5:- अपनी प्रतिष्ठा हमेशा बचाये रखे | So Much Depends On Reputation; Defend It With Your Life

    नियम 5 हमें सिखाता है की, हमारी प्रतिष्ठा ही हमारी शक्ति है। जब तक हमारी प्रतिष्ठा बानी रहेगी , तब तक लोग हमारी सम्मान करेंगे और डरेंगे भी। प्रतिष्ठा बनाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है , इसलिए हमें ध्यान रखना चाहिए की हमारी प्रतिष्ठा लोगो के बीच बनी रहे। ध्यान रखे की किसी प्रकार से हमारी इज़्ज़त , हमारी प्रतिष्ठा पर कोई आंच न आये। 

    हमारी प्रतिष्ठा ही हमारी शक्ति है, जिससे लोग हमारा सम्मान करते है और डरते भी हैं। 

    नियम 6 :- लोगो का ध्यान आकर्षित करते रहे | Court Attention at All Cost

    नियम 6 हमें सिखाता है की कभी भी भीड़ में खुद को शामिल न करें। खुद की एक अलग ही पहचान बनाये , अपने आप को ऐसा बनाये की लोगो का ध्यान आपकी और आकर्षित हो। क्योकि जो दिखता है वही बिकता है , इसलिए हमेशा भीड़ से अलग दिखे, ताकि लोग आपको याद रखें। 

    खुद की एक अलग पहचान बनाये, भीड़ से अलग दिखें। भीड़ का हिस्सा कभी न बने , जिससे लोगो के बीच आपकी एक अलग इज़्ज़त रहेगी। 

    नियम 7 :- अपना काम हमेशा दूसरों से करवाएं, पर श्रेय खुद लें | Get Others To Do The Work For You, But Always Take The Credit

    नियम 7 हमें सिखाता है की, जो काम हम दूसरों से करवा सकते हैं, उसे खुद न करें।  अपना काम हमेशा दूसरों से करवा कर, उसका श्रेय खुद लें। इससे आप अपना समय बचा कर , दूसरी जगह उपयोग कर पाएंगे और आप आगे बढ़ पाएंगे।  

    नियम 8 :- लोगो को लालच देकर, अपनी तरफ मिलाये | Make Other People Come To You; Use Bait Of Necessary

    नियम 8 सिखाता है की जैसे एक शिकारी, शिकार के लिए चारा डालता हैं ताकि वह शिकार कर सके।  उसी प्रकार हमें लोगो को लालच देकर अपने तरफ करना है , और अपने नियंत्रण में रख कर , समय आने पर उनसे काम निकलवाया जा सके। जैसे-जैसे लोगो हमारी तरफ होते चले जाएंगे , वैसे-वैसे हम और अधिक शक्तिशाली बनते जायेंगे। 

    नियम 9 :- अपने काम से जीतने की कोशिस करें , बातों से नहीं | Win Through Your Action, Never Through Arguments

    नियम 9 हमें यह सिखाता है की हमेशा काम करके लोगो को जीता जा सकता है सिर्फ बातें करके या तर्क देकर नहीं। अपने बोस या सीनियर को काम करके दिखाएँ , अगर आप उनसे बातों में जीतने की कोशिस करेंगे तो आप जीत नहीं पाओगे , और उल्टा आपका नुक्सान हो जाएगा। इसलिए अपने काम से इतना अच्छा प्रदर्शन करें की लोगो अपने आप ही आपकी तारीफ करने पर मजबूर हो जाएँ। 

    नियम 10 :- हमेशा दुखी और बदकिस्मत लोगो से दूर ही रहें | Infection: Avoid The Unhappy And Unlucky 

    नियम 10 हमें सिखाता है की हमें,  हर वक्त दुखी रहने वाले लोगों से और बदकिस्मत लोगो से दूर ही रहना चाहिए। क्योकि ये एक संक्रमण की तरह है जो उनसे हम तक फ़ैल सकता है। जिससे हम भी उनकी ही तरह परेशान रहने लगेंगे और अपने करियर और फ्यूचर को प्रभावित करेंगे। ऐसे लोगो से प्रभावित होकर हम अपने लक्ष्य से दूर जाने लगते है इसलिए हमेशा ऐसे लोगो से दूर रहना चाहिए।

    नियम 11 :- लोगो को अपने ऊपर निर्भर करना सीखें | Learn Keep People Dependent On You

    नियम 11 हमें सीखता है की लोगो को अपने ऊपर निर्भर करें , क्योकि जितना लोग आपके ऊपर निर्भर हो जाते है आप उनके लिए उतने ही महत्वपूर्ण हो जाते है।  आपका वजूद उतना ही मज़बूत हो जाता है , अगर लोग आपके ऊपर निर्भर हैं तो आप उनसे अपना काम निकाल सकते है। इससे लोग आपको कभी भी नज़रअंदाज नहीं कर सकेंगे।

    नियम 12 :- ईमानदारी और उदारता से लोगो को अपने बैश में करना सीखे | Use Selective Honesty And Generosity To Disarm Your Victim

    नियम 12 हमें सिखाता है की हम अपनी ईमानदारी और उदारता दिखाकर लोगो का भरोसा जीत सकते। फिर बाद में जब लोगो को भरोसा हो जायेगा तो हम जैसे चाहे वैसे उनका इस्तेमाल , अपने काम के लिए कर पाएंगे और उनसे हमारा काम निकलवाकर फायदा कर पाएंगे। 

    नियम 13 :- मदद मांगते समय लोगो के स्वार्थ की बात करें, न की दया या कृतग्यता की | When Asking For Help, Appeal To People's Self Intrest , Never To Their Mercy Or Gratitude

    नियम 13 सिखाता है की लोग स्वार्थी होते है इसलिए जब भी किसी से मदद मांगने जाए, तो हमेशा पहले ये पता करें की उस व्यक्ति की ऐसी कोनसी जरुरत है जिसके लिए वो आपकी मदद करेगा।  ऐसा करके आप किसी से भी अपना काम करवा सकते है और वो आपसे मना नहीं कर पायेगा। 

    अगर आप उससे दया या कृतग्यता की बात करेंगे तो वो कभी भी नहीं मानेगा , सिर्फ उसका स्वार्थ ही उससे हमारा काम करा सकता है।  हमारा 

    नियम 14 :- दिखें दोस्त की तरह और काम करें जासूस की तरह | Pose As A Friend, Work As A Spy

    नियम 14 हमें सिखाता है की हम लोगो से उनकी जानकारी निकलवाने के लिए उनके दोस्त की तरह बन कर उनसे अपना काम आसानी से करवा सकते है। लोगो से ऐसे व्यवहार करो की लोग आपको अपना दोस्त ही समझे इससे लोग आपकी बात आसानी से मान जायेंगे और आपका काम भी कर देंगे। 

    नियम 15 :- अपने दुश्मन को पूरी तरह से कुचल दो | Crush Your Enemy Totally

    नियम 15 हमें बताता है की कभी भी अपने दुश्मन को कम मत समझो। दुश्मन भी आग की तरह होता है जो समय बढ़ने के साथ साथ और भी खतरनाक हो जाता है।  दुशमन को कभी अपने ऊपर हावी मत होने दो , हमेशा अपने दुशमन पर हावी बने रहो ताकि वो आपका कुच न कर सके। 

    नियम 16 :- सम्मान बढ़ाने के लिए अनुपस्थिति का उपयोग करें | Use Absence To Increase Respect And Honour

    नियम 16 हमें सिखाता है की लोगो को आपकी कमी महसूस करवाना भी जरुरी होता है जिससे आपका बजूद और सम्मान दोनों बढ़ता है। 

    क्योकि जब हम किसी के लिए आसानी से हर जगह मौजूद होते है तो हमारी वैल्यू और सम्मान दोनों कम होने लगते हैं।  इसलिए लोगो के लिए अनुपस्तिथि का उपयोग करके हमारा वजूद कायम रख सकते हैं। 

     नियम 17 :- अपने व्यवहार को रहस्मय रखे | Keep Others In Suspended Terror: Cultivate An Air Of Unpredictability


    नियम 18 हमें सिखाता है की हमें हमारा व्यवहार किसी के सामने प्रदर्शित नहीं करना चाहिए। क्योकि लोगो को हमारा व्यवहार का पता चलने पर लोग पहले ही जान जाते है की हम कोनसी बात पैर क्या रियेक्ट करेंगे और इस बात का फायदा हमारे बिरोधी उठा सकते है। 

    इसलिए अपने व्यवहार को किसी के सामने स्पस्ट न होने दे , हमेशा अपने व्यवहार को अस्पष्ट रखे। 

    नियम 18 :- अपने बचाव के लिए किले न बनाये, अकेलापन खतरनाक है  | Do Not Build Fortresses To Protect Yourself: Isolation Is Dangerous

    नियम 18 हमें यह सिखाता है की लोगो अपने वचाव के लिए किले बना लेते है या बड़े बड़े घर बना लेते हैं जहाँ वे अकेले हो जाते है अपने परिवार से अलग , अपने दोस्तों से अलग।  पर ये चीज़ खतरनाक हो सकती है क्युकी दुश्मन हमेशा आपका बुरा करने के लिए आपको सबसे अलग करके अपने वश में करना चाहता है और अगर ऐसा हो जाता है वो आपका नुक्सान भी कर सकता है। 

    इसलिए अपने परिवार और दोस्तों से ज्यादा दूरी न बनाये। 

    नियम 19:- जानें कि आप किसके साथ काम कर रहे हैं, गलत व्यक्ति को नाराज न करें | Know who you're dealing with , Do not offend the wrong person

    नियम 19 सिखाता है की हमें ये जानना बहुत जरूरी है की हम किसके साथ काम कर रहे है , क्योकि कुछ लोग दिखते कुछ और है , और होते कुछ और है। किसी गलत आदमी को नाराज या उसका अपमान नहीं करना चाहिए , क्योकि क्या पता वो आपसे ज़िन्दगी भर इसका बदला ले और आपका नुक्सान करे। अगर आप किसी का काम नहीं करना चाहते तो उससे सम्मान पूर्वक मना करें , न की उसका अपमान करके। 

    कभी भी लोगो का ऊपरी रूप देखकर न पहचाने , ये आपके लिए गलत साबित हो सकता है। 

    नियम 20 :- कभी किसी से वादा न करें | Do not commit to anyone

    नियम 20 कहता है की हमें किसी से वादा नहीं करना चाहिए।  क्योकि जब हम किसी से वादा करते है तो , हमारा पूरा नियंत्रण उसके हाथों में चला जाता है।  हम हमारा वादा किसी भी हाल में पूरा करने के चक्कर में कुछ गलत कर बैठते हैं। और इससे हमारे छवि और प्रतिष्ठा पर गलत असर पड़ता है। 

    वादा करने का मतलब है अपने आप को उसके हवाले करना , इसलिए वादा न करें बल्कि अपनी छवि ऐसी बनाये की लोग खुद ही अपने काम के लिए आपके पास आएं। 

    नियम 21 :- गलत व्यक्ति के साथ गलत बनकर ही उसे फसाएँ , अपने प्रतियोगी से कमजोर दिखें | Play a sucker to catch a sucker, seem dumber than your mark

    नियम 21 कहता है की हमारे बिरोधी को ये दिखाए की वह हमसे ज्यादा होशियार है और हमसे ज्यादा जानता है। एक बार जब ऐसा हो जायेगा तो उसे लगेगा की हम उसे नहीं हरा सकते। अपने बिरोधी को अँधेरे में रखकर उसे हाराने के लिए, ये एक बहुत अच्छी तरकीब है।  इससे हम उसे अपने जाल में आसानी से फसा सकते हैं। 

    जब बिरोधी को लगता है की वह हमसे ज्यादा होशियार है तो वह अपने बारे में बताने लगता है , जो की हमारे लिए अच्छी बात है।  उसकी जानकारी हमारे काम आ सकती है। 

     नियम 22 :- आत्मसमर्पण रणनीति का उपयोग करें; कमजोरी को ताकत में बदलें | Transform weakness into power

    नियम 22 कहता हैं की जान हमारा बिरोधी हमसे ज्यादा ताकतवर है तो हमें उसके सामने आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। ऐसा करके हमें उसके खिलाफ रणनीत रचने का और अपने आपक को तैयार करने का मौका मिलेगा , जिससे हम उसके खिलाफ जानकारी जुटा कर उस पर जीत हासिल कर पाएंगे। 

    अगर हम कमजोर हालत में उससे लड़ने जायेंगे तो निश्चय ही वह जीत जायेगा , और संतुस्ट हो जायेगा। जिससे हमें मौका नहीं मिलेगा की हम जीत सकें। 

    नियम 23 :- अपनी शक्तियों पर ध्यान केंद्रित करें | Concentrate your forces

    नियम 23 कहता है की हमें, हमारा ध्यान हमेशा हमारी शक्तियों को बढ़ाने पर केंद्रित करना चाहिए। अकसर हम हमारा ध्यान बहुत इधर उधर की बातों में लगा देते हैं। पर इससे हमारा कोई फायदा नहीं होता , इसलिए ध्यान को हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने में लगाना चाहिए , जिससे हम दिनों दिन और शक्तिशाली बनते जाएंगे। 

    नियम 24 :- उत्तम दरबारी की भूमिका निभाएं | Play the perfect courtier

     नियम 24 के अनुसार एक उत्तम दरबारी हमेशा अपने से ऊपर वाले की चापलूसी करता है, उसकी हाँ में हाँ मिलता है , उसकी हर बात को मानता है , जैसा वह कहता है वैसा ही करता है। पर अप्रतक्ष्य र्रोप से वह अपने से ऊपर वाले के ऊपर अधिकार जमा लेता है।  इस प्रकार ऊपर वाला छोटे बड़े काम के लिए , उस दरबारी पैर निर्भर हो जाता है। 

    नियम 25 :- अपने आप को फिर से बनाएं | Re-Create yourself

    नियम 25 के अनुसार , अगर आपने अभी तक कामयाबी हासिल नहीं की है , समाज में आपकी इज़्ज़त नहीं है , लोगो में आपके प्रति प्रतिष्ठा नहीं है।  तो आपको जरुरत है की आप आपने आप को शुरू से तैयार करें , अपनी कमजोरियों को ताकत में बदले , अपना हुनर और ज्यादा निखारें , अपनी कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें दूर करें। 

    इस तरह काम करके आप समाज और लोगो के सामने आपने वजूद बना सकते हैं और प्रतिष्ठा और सम्मान भी पा सकते हैं 

    नियम 26 :- अपने हाथ हमेशा साफ़ रखें | Keep your hands clean

    नियम 26 सिखाता है की , अपनी गलतियों को छुपाएं, दोष देने के लिए चारों ओर बलि के बकरे है। कभी कोई ऐसा काम न करे जिससे आपके हाथ गंदे हो या नाम ख़राब हो , बल्कि ऐसा काम आप दूसरों से कराएं। ताकि आपके ऊपर दोष न आये। 

    अपना काम हमेशा दूसरों से कराएं ,ताकि अगर वह काम ख़राब भी हो जाये तो उसका दोष दूसरों पर लगे , और आपके हाथ हमेशा साफ़ रहे। 

    नियम 27 :- लोगो की जरूरत से खेलकर, अपने ऊपर विश्वास और अधिक से अधिक अपना प्रसंशक बनायें | Play on people's need to belive to create a cult like following

    नियम 27 सिखाता है , हमें लोगो की जरुरत को जानकार, हम उनका  विश्वास जीत सकते हैं और उन्हें हमारी प्रसंशा करने पैर मजबूर कर सकते हैं। जिससे हम अधिक शक्तिशाली बन जाते है। 

    नियम 28 :- अपने किसी भी काम को पूरी लगन और आत्मविश्वास के साथ करे | Enter action with boldness

    नियम 28 सिखाता हैं की, हमें अपना कोई भी काम बिना मन के नहीं करना चाहिए।  काम को शुरू तभी करे जब पूरा मन लगाकर और पूरा आत्मविश्वास हो की आप वह कर पाओगे। जिससे काम हमेशा सगता पूर्वक पूरा हो जायेगा। 

    नियम 29 :- अंत तक पहुंचने की सारी योजनाएं बनाये | Plan all the way to the end 

    नियम 29 बताता है की , हमें शुरू से लेकर आखिरी तक की सारी योजनाए बनाना चाहिए। ताकि हम बिना रुके काम कर सके और उस काम में सफल हो सके। 

    नियम 30 :- दूसरों को अपनी सफलता की सहजता दिखाएँ | Make your accomplishments seem effortless

    नियम 30 बताता है की, हमेशा दूसरों को अपनी सफलता प्राप्ति की सरलता दिखाएँ , ये कभी न दिखाएँ की आपने उसे पाने के लिए क्या क्या करा हैं और कितनी मेहनत की है। 

    नियम 31 :- दूसरों को हमेशा अपने पत्ते खेलने पैर मजबूर करें  | Control the options, get others to play with the cards ypu deal

    नियम 31 बताता है की, आप लोगो को कई बिकल्प दे 

    नियम 32 :- लोगों की कल्पनाओ से खेले | Play to people's fantasies

    नियम 32 हमें सिखाता है की , लोगो की कल्पनाओं से खेल कर आप उनका फायदा उठा सकते हैं। 
    लोग शायद ही कभी मानते हैं कि उनकी समस्याएं उनके अपने कुकर्मों और मूर्खता से पैदा होती हैं । वह हमेशा उनकी परेशानी का दोष दूसरों को देते हैं और कभी भाग्य को भगवान् को। 

    नियम 33 :- हर व्यक्ति की कमजोरी ढूंढो | Discover each man's thumbscrew

    नियम 33 सिखाता है की, हर आदमी की एक न एक कमजोरी जरूर होती है और उस कमजोरी को हम जान लेंगे तो उसका उपयोग हम जरूरत पड़ने पर अपना काम कराने के लिए कर सकते हैं। 

    नियम 34 :- अपने खुद के फैशन में शाही बनो, एक राजा की तरह व्यवहार करें | Be royal in your own fashion, act like a king to be treat like one 

    नियम 34 सिखाता है की, हम जैसे है और जो पहनते है उसी में शाही अंदाज होना चाहिए , खुद में ही एक राजा बनो। क्योकि अगर आप खुद की इज़्ज़त करेंगे तो लोग भी आपको इज़्ज़त देंगे। 

    अक्सर लोग आपके साथ वैसा ही व्यवहार करते है जैसा हम खुद को समझते है।  इसलिए खुद की इज़्ज़त करो, और खुद में ही एक राजा बनो। 

    नियम 35 :- समय की कला में महारत हासिल करें | Master the art of timing

    नियम 35 कहता है की, हमें यह सीखना चाहिए की किस काम के लिए कोनसा समय उत्तम है और उस समय में वह काम करने पर पूरा हो जायेगा। किसकी भी काम के लिए जल्दबाजी न करें हमेशा सही समय आने पर काम करें। 

    नियम 36 :- वो काम जो आप नहीं कर सकते; उन्हें अनदेखा करना सबसे अच्छा बदला है | Disdain things you cannot have; ignoring them is the best revenge

    नियम 36 सिखाता है की, अकसर कुछ परेशानियां ऐसे होती हैं जिन्हे हम जितना सही करने की कोशिस करते हैं वह उतनी ही बढ़ती जाती है , इसलिए उसे अनदेखा करना ही सही होता है। वह चीज़ जो हम नहीं पा सकते या ले सकते , उसका तिरस्कार करना ही सबसे अच्छा बदला होता है। 

    नियम 37 :- सम्मोहक चश्मा बनाएं | Create compelling spectacles

    नियम 37 के अनुसार , हमें लोगो को अपने कार्य से हमेशा प्रेरित करते रहना चाहिए , अपने काम के प्रभाव से सम्मोहित करते रहना चाहिए। जिससे लोगो आपके कार्यों में दखल न दे और आपकी प्रशंशा करते रहे। 

    नियम 38 :- खुद की तरह सोचे , दूसरों की तरह व्यव्हार करें | Think as you like but behave like others

    नियम 38 के अनुसार , हम वही करें जो हम चाहते है पर दूसरों को सिर्फ वही दिखाएँ जो वो देखना चाहते है और वही बोले जो लोग आपसे सुन्ना  है। इस तरह से आप अपना काम भी पूरा कर लेंगे और लोगो को भी संतुस्ट कर पाएंगे। 

    नियम 39 :- मछली पकड़ने के लिए पानी हिलाओ | Stir up waters to catch fish

    नियम 39 सिखाता है की, क्रोध और भावना रणनीतिक रूप से एक दूसरे के विपरीत हैं । आपको हमेशा शांत और उद्देश्य आगत रहना चाहिए। लेकिन अगर आप अपने आप को शांत रखने के दौरान, अपने दुश्मनों को क्रोधित कर सकते हैं, तो आपको उसका लाभ जरूर मिलेगा। 

    नियम 40 :- मुफ्त की चीज़ों का तिरस्कार करें | Despise the free lunch

    नियम 40 कहता है की, हमें कभी भी किसी मुफ्त में मिलने वाली चीज़े नहीं लेना चाहिए , क्योकि मुफ्त की चीज़ हमें नुक्सान दे सकते है या उसके पीछे कोई स्वार्थ छिपा हो सकता है। और उसके बदले आप उसके क़र्ज़ के निचे दब सकते हैं। इसलिए मुफ्त की वस्तु का तिरस्कार करें। और हो सके तो आप दूसरों को जो दे सकते हैं वह दें। 

    नियम 41 :-  एक महान आदमी के जूते में पैर रखने से बचें | Avoid stepping into a great man’s shoes

    नियम 41 के अनुसार , हमें कभी महान लोगो के रस्ते पर नहीं चलना चाहिए , क्योकि ऐसा करने से लोग हमसे ज्यादा की उम्मीद करते है और हमें उसके लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी।  इसलिए हमेशा अपना एक अलग रास्ता बनायेऔर एक अलग पहचान बनायें। 

    नियम 42 :- भेड़िये पर आक्रमण करें , भेड़ अपने आप बिखर जायेंगी | Strike the shepherd and the sheep will scatter

    नियम 42 कहता है की, अगर आपको किसी समूह पर या किसी राजनैतिक पार्टी पर सत्ता पानी है तो उस समूह के नेता को निशाना बनाये या अपनी तरफ कर लें , बाकी के सदस्य अपने  आप ही अपनी तरफ हो जायेंगे। 

    हर समूह में एक मुखिया जरूर जो उस समूह को नियंत्रित करता है , अगर उस समूह के मुखिया को निशाना बना लिया अजय तो वह समूह स्वता ही ख़तम हो जायेगा। 


    नियम 43 :- दूसरों के दिल और दिमाग पर काम करें | Work on the hearts and minds of others

    नियम 43 सिखाता है की , हमें हमेशा लोगो का दिल और दिमाग जीतना चाहिए। आप प्रोत्साहन और प्रलोभन देखर लोगो का दिल और दिमाग , दोनों को नियंत्रित कर सकते हैं। 

    नियम 44:- दर्पण के प्रभाव से विरोधी को वश में और गुमराह करें | Disarm and infuriate with the mirror effect

    नियम 44 कहता है की, जब आप अपने दुश्मनों को दर्पण करते हैं, तो बिल्कुल वैसा ही करते हैं जैसा वे करते हैं, तो वे आपकी रणनीति का पता नहीं लगा सकते हैं। दर्पण प्रभाव उन्हें अपमानित करता है, जिससे वे अति-प्रतिक्रिया करते हैं। दर्पण प्रभाव से, आप उन्हें इस भ्रम के साथ बहकाते हैं कि आप भी वही करते हे जो वे कर रहे हैं।  उनके कार्यों को दर्पण धारण करके, आप उन्हें सबक सिखाते हैं।

    नियम 45 :- बदलने की जरूरत का प्रचार करें, लेकिन एक बार में बहुत ज्यादा सुधार कभी नहीं | Preach the need to change, but never reform too much at once

    नियम 45 कहता है की, बदलाव की जरूरत पड़ने पर एक बार में बहुत ज्यादा न बदलें , क्योकि लोग इसे  एक डीएम से स्वीकार नहीं कर पाते। 

    यहां तक कि जब लोग बदलाव की आवश्यकता को समझते हैं, यह जानते हुए कि संस्थानों और लोगों के लिए कभी-कभार नवीनीकृत होना कितना जरूरी है, वे उन परिवर्तनों से भी चिढ़ते हैं और परेशान होते हैं जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्रभावित करते हैं ।

    नियम 46 :- बहुत ज्यादा उत्तम  दिखें |  Never appear too perfect

    नियम 46 कहता है , बहुत ज्यादा अच्छे न बने ,ये आपके लिए हानिकारक हो सकता है। आप कभी ऐसे व्यक्ति की मदद न करें जो आपसे चिढ़ते हैं ,ऐसा करने पर वह सोचते हैं की  ऊपर कृपा कर रहे हैं। 

    बहुत ज्यादा दिखना भी लोगो को आपका दुश्मन बना देता है। और आपको मुसीबत में डाल सकता है। 

    नियम 47 :-  जीत के मुकाम से आगे न जाएँ , मुकाम के बाद रुकना जरूरी है | Do not go past the mark you aimed for. In victory, know when to stop

    नियम 47 के अनुसार , जीतने के बाद आप ज्यादा उत्साहित होते हैं और जल्दी आगे बढ़ते हैं जिसके कारण ,नए दुशमन बन जाते हैं। इसलिए , जब आप एक मुकाम पा लें तो सही समय पर रुकना जरूरी होता है। जिससे आप आगे की नई योजना बना पाते हैं। और फिर और अच्छी  रणनीति के साथ आगे बढे। 

    नियम 48 :- निराकार रहें | Assume formlessness

    नियम 48 के अनुसार , एक आकार लेने से, आप खुद को हमला करने के लिए खोलते हैं। अपने दुश्मन को समझने के लिए एक रूप लेने के बजाय, अपने आप को अनुकूलनीय बने। इस बात को स्वीकार करें कि कुछ भी निश्चित नहीं है और कोई कानून तय नहीं है। सबसे अच्छा तरीका है अपने आप को बचाने के लिए पानी की तरह रहे किसी भी आकर में , स्तिथि के हिसाब से ढल जाएँ। 

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    धन्यवाद !

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